
उत्तराखंड : शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए 16 शिक्षकों का चयन
देहरादून। शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार-2024 के लिए 16 शिक्षकों का चयन कर लिया गया है। बेसिक स्तर पर नौ और माध्यमिक स्तर पर पांच शिक्षकों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।
शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने सभी चयनित शिक्षकों की सूची जारी की है। बेसिक स्तर पर नौ जबकि माध्यमिक स्तर पर पांच शिक्षक पुरस्कार के लिए चुने गए हैं। प्रशिक्षण संस्थान के रूप में पिथौरागढ़ जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रवक्ता राजेश कुमार पाठक चुने गए हैं। संस्कृत शिक्षा से हरिद्वार के ऋषिकुल विद्यापीठ ब्रह्मचर्याश्रम उत्तर मध्यमा विद्यालय के प्रवक्ता डॉ. बलदेव प्रसाद चमोली का चयन किया गया है।
बेसिक स्तर पर डॉ. यतेंद्र प्रसाद गौड़ (पौड़ी), रंभा शाह (चमोली),
मुरारीलाल राणा (उत्तरकाशी), ठाट सिंह (हरिद्वार), रजनी ममगाईं
(टिहरी), मिली बागड़ी (रुद्रप्रयाग), नरेश चंद्र (चंपावत), दीवान सिंह कठायत (पिथौरागढ़), डॉ. विनीता खाती (अल्मोड़ा) को चुना गया है। माध्यमिक स्तर पर डॉ. सुनीता भट्ट (देहरादून), पुष्कर सिंह नेगी (पौड़ी), दीपक चंद्र बिष्ट (अल्मोड़ा) गीतांजलि जोशी (उत्तरकाशी) एवं प्रकाश चंद्र उपाध्याय (चंपावत) को यह पुरस्कार मिलेगा।
डॉ यतींद्र ने किए कई नवाचारी प्रयोग
कोटद्वार। जनता जू.हा.स्कूल लालढांग (पौड़ी गढ़वाल) के प्रधानाध्यापक डा.यतेन्द्र प्रसाद गौड़ ने शिक्षा क्षेत्र में कई नवाचारी प्रयोग किए हैं। खास तौर पर गढ़वाली भाषा के प्रचार प्रसार के लिए उन्होंने गीत संग्रह और खण्ड काव्य लिखे हैं।
मूलतः पौड़ी गढ़वाल जिले के दुगड्डा ब्लॉक के सिमलना बिचला निवासी डॉ यतींद्र का परिवार अब कोटद्वार में निवास करता है। विद्यालय में पाल्यों के सर्वांगीण विकास के लिए वह निरंतर प्रयासरत रहे हैं। वर्ष 2024 में जिला निबंध प्रतियोगिता में विद्यालय के छात्र पंकज चौहान ने पंचम स्थान प्राप्त किया। 2023 में राज्य पेंटिंग प्रतियोगिता में छात्रा स्नेहा बहुखंडी द्वितीय रही।
भाषा बोली को बढ़ावा देने लिए उन्होंने गढवाली लोक भाषा पाठ्यक्रम (प्राथमिक स्तर) तैयार किया है। उनकी गढ़वाली गीत माला “बरख्यळू चौमास’, गढ़वाली गीत संग्रह “मयळि भौंण”, गढ़वाली बाल गीत संग्रह “झुम्पा”, गढ़वाली खंड काव्य “ब्वे कि लाडी” को भी काफी सराहना मिली है।