
दून प्लस संवाददाता
देहरादून। शिव महापुराण के कथावाचक मर्मज्ञ पंडित सुनील कुमार बहुगुणा ने शिव कथा का वाचन और मधुर संगीत की धुन पर कई भजन गाकर श्रद्धालुओं को शिव भक्ति से सराबोर कर दिया। इस दौरान श्रद्धालु शिव भक्ति में लीन दिखाई दिए।
कथावाचक पंडित बहुगुणा जी ने बुधवार को तेग बहादुर रोड, नेहरू कॉलोनी में स्वामी सागर गिरी आश्रम स्थित प्राचीन सिद्धपीठ श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों को “श्री शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ” के प्रथम दिन शिव कथा का श्रवण कराया। कथा के प्रारंभ में पंडितों और भक्तों ने व्यासपीठ का पूजन भी किया।
कथा वाचन करते हुए पंडित बहुगुणा ने कहा कि देवदत्त नामक ब्राह्मण ने भगवान शिव महापुराण की कथा सुनकर अपने आप को जीवन मृत्यु के चक्र से मुक्त किया। वहीं, बिन्दुक नामक ब्राह्मण जो जीवन भर वैश्यावृति में संलग्न रहा, अंत में जब बिन्दुक नामक ब्राह्मण की मौत हो गई तब उनकी पत्नी चंचुला ने भगवान शिव महापुराण की कथा सुनकर और शिव भजन कर अपने पति के साथ कैलाश के दिव्य शिखर पर रूद्र गणौ के साथ भगवान की भक्ति में लीन हो गए।
भक्तजनों को कथा का श्रवण कराते हुए पंडित बहुगुणा जी ने कहा कि मनुष्य का पूरा जीवन यह जानने में लग जाता है कि उसका जन्म क्यों हुआ ? हकीकत यह है कि हमारा जन्म अपने पूर्व जन्म के प्रतिफल को पाने और भगवान का भजन करने के लिए हुआ है। यदि हमने पूर्व जन्म में अच्छे कर्म किए होंगे तो इस जन्म में प्रतिफल के रूप में हमें आनंद की प्राप्ति होगी। इसलिए हमें इस जन्म में भी अच्छे कर्म करने चाहिए।
इससे पहले स्वामी सागर गिरी आश्रम सिद्धेश्वर महादेव मंदिर से विधिविधान और पूजा अर्चन के बाद कलश यात्रा हनुमान मंदिर होते हुए फव्वारा चौक होकर वापस मन्दिर प्रांगण में पहुंची। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में मातृशक्ति, भक्तजनों, प्राचीन सिद्धपीठ श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद रयाल, समिति के अन्य पदाधिकारी, सदस्य एवं सागर गिरी आश्रम ट्रस्ट के ट्रस्टी गण उपस्थित रहे।
स्वामी सागर गिरी महाराज जी का नवीन चित्र स्थापित किया
देहरादून। बुधवार, 30 जुलाई 2025 को सागर गिरी आश्रम स्थित स्वामी सागर गिरी महाराज जी की समाधि स्थल पर स्वामी जी का नवीन चित्र एवं अखण्ड ज्योत स्थापित भी की गई।
इस अवसर पर स्वामी सागर गिरी आश्रम ट्रस्ट के सचिव अधिवक्ता मार्तंड शंकर पंत, सदस्य अखण्ड प्रताप सिंह एवं प्राचीन सिद्धपीठ श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष राजेंद्र रयाल, कोषाध्यक्ष सोबत सिंह रावत जी एवं अन्य सदस्य समेत अनेक भक्तगण उपस्थित रहे।